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1. {राजा और शूनेमिन स्त्री} PS एलीशा ने उस स्त्री से बातें की जिसके पुत्र को उसने जीवित किया था। एलिशा ने कहा, “तुम्हें और तुम्हारे परिवार को किसी अन्य देश में चले जाना चाहिये क्यों क्योंकि यहोवा ने निश्चय किया है कि यहाँ भुखमरी का समय आएगा। इस देश में यह भूखमरी का समय सात वर्ष का होगा।” PEPS
1. Then spoke H1696 Elisha H477 unto H413 the woman H802 , whose H834 H853 son H1121 he had restored to life H2421 , saying H559 , Arise H6965 , and go H1980 thou H859 and thine household H1004 , and sojourn H1481 wheresoever H834 thou canst sojourn H1481 : for H3588 the LORD H3068 hath called H7121 for a famine H7458 ; and it shall also H1571 come H935 upon H413 the land H776 seven H7651 years H8141 .
2. अतः उस स्त्री ने वही किया जो परमेश्वर के जन ने कहा। वह अपने परिवार के साथ सात वर्ष पलिश्तियों के देश में रहने चली गई।
2. And the woman H802 arose H6965 , and did H6213 after the saying H1697 of the man H376 of God H430 : and she H1931 went H1980 with her household H1004 , and sojourned H1481 in the land H776 of the Philistines H6430 seven H7651 years H8141 .
3. जब सात वर्ष पूरे हो गए तो वह स्त्री पलिश्तियों के देश से लौट आई। PEPS वह स्त्री राजा से बातें करने गई। वह चाहती थी कि वह उसके घर और उसकी भूमि को उसे लौटाने में उसकी सहायता करे। PEPS
3. And it came to pass H1961 at the seven H7651 years H8141 ' end H4480 H7097 , that the woman H802 returned H7725 out of the land H4480 H776 of the Philistines H6430 : and she went forth H3318 to cry H6817 unto H413 the king H4428 for H413 her house H1004 and for H413 her land H7704 .
4. राजा परमेश्वर के जन (एलीशा) के सेवक गेहजी से बातें कर रहा था। राजा ने गेहजी से पूछा, “कृपया वे सभी महान कार्य हमें बतायें जिन्हें एलीशा ने किए हैं।” PEPS
4. And the king H4428 talked H1696 with H413 Gehazi H1522 the servant H5288 of the man H376 of God H430 , saying H559 , Tell H5608 me , I pray thee H4994 , H853 all H3605 the great things H1419 that H834 Elisha H477 hath done H6213 .
5. गेहजी राजा को एलीशा के बारे में एक मृत व्यक्ति को जीवित करने की बात बता रहा था। उसी समय वह स्त्री राजा के पास गई जिसके पुत्र को एलीशा ने जिलाया था। वह चाहती थी कि वह अपने घर और अपनी भूमि को वापस दिलाने में उससे सहायता माँगे।। गेहजी ने कहा, “मेरे प्रभु राजा, यह वही स्त्री है और यह वही पुत्र है जिसे एलीशा ने जिलाया था।” PEPS
5. And it came to pass H1961 , as he H1931 was telling H5608 the king H4428 H853 how H834 he had restored a dead body to life H2421 H853 H4191 , that, behold H2009 , the woman H802 , whose H834 H853 son H1121 he had restored to life H2421 , cried H6817 to H413 the king H4428 for H5921 her house H1004 and for H5921 her land H7704 . And Gehazi H1522 said H559 , My lord H113 , O king H4428 , this H2063 is the woman H802 , and this H2088 is her son H1121 , whom H834 Elisha H477 restored to life H2421 .
6. राजा ने पूछा कि वह क्या चाहती है। उस स्त्री ने अपनी इच्छा बताई। PEPS तब राजा ने एक अधिकारी को उस स्त्री की सहायता के लिये चुना। राजा ने कहा, “इस स्त्री को वह सब कुछ दो जो इसका है और इसकी भूमि की सारी फसलें जब से इसने देश छोड़ा तब से अब तक की, इसे दो।” PS
6. And when the king H4428 asked H7592 the woman H802 , she told H5608 him . So the king H4428 appointed H5414 unto her a certain H259 officer H5631 , saying H559 , Restore H7725 H853 all H3605 that H834 was hers , and all H3605 the fruits H8393 of the field H7704 since the day H4480 H3117 that she left H5800 H853 the land H776 , even until H5704 now H6258 .
7. {बेन्हदद हजाएल को एलीशा के पास भेजता है} PS एलीशा दमिश्क गया। अराम का राजा बेन्हदद बीमार था। किसी व्यक्ति ने बेन्हदद से कहा, “परमेश्वर का जन यहाँ आया है।” PEPS
7. And Elisha H477 came H935 to Damascus H1834 ; and Ben H1130 -hadad the king H4428 of Syria H758 was sick H2470 ; and it was told H5046 him, saying H559 , The man H376 of God H430 is come H935 hither H5704 H2008 .
8. तब राजा बेन्हदद ने हजाएल से कहा, “भेंट साथ में लो और परमेश्वर के जन से मिलने जाओ। उसको कहो कि वे यहोवा से पूछे कि क्या मैं अपनी बीमारी से स्वस्थ हो सकता हूँ।” PEPS
8. And the king H4428 said H559 unto H413 Hazael H2371 , Take H3947 a present H4503 in thine hand H3027 , and go H1980 , meet H7122 the man H376 of God H430 , and inquire H1875 H853 of the LORD H3068 by H4480 H854 him, saying H559 , Shall I recover H2421 of this disease H4480 H2483 H2088 ?
9. इसलिये हजाएल एलीशा से मिलने गया। हजाएल अपने साथ भेंट लाया। वह दमिश्क से हर प्रकार की अच्छी चीज़ें लाया। इन सबको लाने के लिये चालीस ऊँटों की आवश्यकता पड़ी। हजाएल एलीशा के पास गया। हजाएल ने कहा, “तुम्हारे अनुयायी *अनुयायी शाब्दिक, “पुत्र।” अराम के राजा बेन्हदद ने मुझे आपके पास भेजा है। वह पूछता है कि क्या मैं अपनी बीमारी से स्वस्थ होऊँगा।” PEPS
9. So Hazael H2371 went H1980 to meet H7122 him , and took H3947 a present H4503 with H3027 him , even of every H3605 good thing H2898 of Damascus H1834 , forty H705 camels H1581 ' burden H4853 , and came H935 and stood H5975 before H6440 him , and said H559 , Thy son H1121 Ben H1130 -hadad king H4428 of Syria H758 hath sent H7971 me to H413 thee, saying H559 , Shall I recover H2421 of this disease H4480 H2483 H2088 ?
10. तब एलीशा ने हजाएल से कहा, “जाओ और बेन्हदद से कहो, ‘तुम जीवित रहोगे।’ किन्तु यहोवा ने सचमुच मुझसे यह कहा है, ‘वह निश्चय ही मरेगा।’ ” PS
10. And Elisha H477 said H559 unto H413 him, Go H1980 , say H559 unto him , Thou mayest certainly recover H2421 H2421 : howbeit the LORD H3068 hath showed H7200 me that H3588 he shall surely die H4191 H4191 .
11. {एलीशा हजाएल के बारे में भविष्यवाणी करता है} PS एलीशा हजाएल को तब तक देखता रहा जब तक हजाएल संकोच का अनुभव नहीं करने लगा। तब परमेश्वर का जन चीख पड़ा।
11. And he settled H5975 H853 his countenance H6440 steadfastly H7760 , until H5704 he was ashamed H954 : and the man H376 of God H430 wept H1058 .
12. हजाएल ने कहा, “महोदय, आप चीख क्यों रहे हैं” PEPS एलीशा ने उत्तर दिया, “मैं चीख रहा हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम इस्राएलियों के लिये क्या कुछ बुरा करोगे। तुम उनके दृढ़ नगरों को जलाओगे। तुम उनके युवकों को तलवार के घाट उतारोगे। तुम उनके बच्चों को मार डालोगे। तुम उनकी गर्भवती स्त्रियों के गर्भ को चीर निकालोगे।” PEPS
12. And Hazael H2371 said H559 , Why H4069 weepeth H1058 my lord H113 ? And he answered H559 , Because H3588 I know H3045 H853 the evil H7451 that H834 thou wilt do H6213 unto the children H1121 of Israel H3478 : their strongholds H4013 wilt thou set H7971 on fire H784 , and their young men H970 wilt thou slay H2026 with the sword H2719 , and wilt dash H7376 their children H5768 , and rip up H1234 their women with child H2030 .
13. हजाएल ने कहा, “मैं कोई शक्तिशाली व्यक्ति नहीं हूँ! मैं इन बड़े कामों को नहीं कर सकता!” PEPS एलीशा ने उत्तर दिया, “यहोवा ने मुझे बताया है कि तुम अराम के राजा होगे।” PEPS
13. And Hazael H2371 said H559 , But H3588 what H4100 , is thy servant H5650 a dog H3611 , that H3588 he should do H6213 this H2088 great H1419 thing H1697 ? And Elisha H477 answered H559 , The LORD H3068 hath showed H7200 me that thou shalt be king H4428 over H5921 Syria H758 .
14. तब हजाएल एलीशा के यहाँ से चला गया और अपने राजा के पास गया। बेन्हदद ने हजाएल से पूछा, “एलीशा ने तुमसे क्या कहा” PEPS हजाएल ने उत्तर दिया, “एलीशा ने मुझसे कहा कि तुम जीवित रहोगे।” PS
14. So he departed H1980 from H4480 H854 Elisha H477 , and came H935 to H413 his master H113 ; who said H559 to him, What H4100 said H559 Elisha H477 to thee? And he answered H559 , He told H559 me that thou shouldest surely recover H2421 H2421 .
15. {हजाएल बेन्हदद की हत्या करता है} PS किन्तु अगले दिन हजाएल ने एक मोटा कपड़ा लिया और इसे पानी से गीला कर लिया। तब उसने मोटे कपड़े को बेन्हदद के मुँह पर डाल कर उसकी साँस रोक दी। बेन्हदद मर गया। अतः हजाएल नया राजा बना। PS
15. And it came to pass H1961 on the morrow H4480 H4283 , that he took H3947 a thick cloth H4346 , and dipped H2881 it in water H4325 , and spread H6566 it on H5921 his face H6440 , so that he died H4191 : and Hazael H2371 reigned H4427 in his stead H8478 .
16. {यहोराम अपना शासन आरम्भ करता है} PS यहोशापात का पुत्र यहोराम यहूदा का राजा था। यहोराम ने अहाब के पुत्र योराम के इस्राएल के राज्यकाल के पाँचवें वर्ष में शासन आरम्भ किया।
16. And in the fifth H2568 year H8141 of Joram H3141 the son H1121 of Ahab H256 king H4428 of Israel H3478 , Jehoshaphat H3092 being then king H4428 of Judah H3063 , Jehoram H3088 the son H1121 of Jehoshaphat H3092 king H4428 of Judah H3063 began to reign H4427 .
17. यहोराम बत्तीस वर्ष का था, जब उसने शासन करना आरम्भ किया। उसने यरूशलेम में आठ वर्ष शासन किया।
17. Thirty H7970 and two H8147 years H8141 old H1121 was H1961 he when he began to reign H4427 ; and he reigned H4427 eight H8083 years H8141 in Jerusalem H3389 .
18. किन्तु यहोराम इस्राएल के राजाओं की तरह रहा और उन कामों को किया जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। यहोराम अहाब के परिवार के लोगों की तरह रहता था। यहोराम इस तरह रहा क्योंकि उसकी पत्नी अहाब की पुत्री थी।
18. And he walked H1980 in the way H1870 of the kings H4428 of Israel H3478 , as H834 did H6213 the house H1004 of Ahab H256 : for H3588 the daughter H1323 of Ahab H256 was H1961 his wife H802 : and he did H6213 evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 .
19. किन्तु यहोवा ने उसे नष्ट नहीं किया क्योंकि उसने अपने सेवक दाऊद से प्रतिज्ञा की थी कि उसके परिवार का कोई कोई सदैव राजा होगा। PEPS
19. Yet the LORD H3068 would H14 not H3808 destroy H7843 H853 Judah H3063 for David H1732 his servant H5650 's sake H4616 , as H834 he promised H559 him to give H5414 him always H3605 H3117 a light H5216 , and to his children H1121 .
20. यहोराम के समय में एदोम यहूदा के शासन से स्वतन्त्र हो गया। एदोम के लोगों ने अपने लिये एक राजा चुन लिया। PEPS
20. In his days H3117 Edom H123 revolted H6586 from under H4480 H8478 the hand H3027 of Judah H3063 , and made H4427 a king H4428 over H5921 themselves.
21. तब यहोराम और उसके सभी रथ साईर को गए। एदोमी सेना ने उन्हें घेर लिया। यहोराम और उसके अधिकारियों ने उन पर आक्रमण किया और बच निकले और घर पहुँचे।
21. So Joram H3141 went over H5674 to Zair H6811 , and all H3605 the chariots H7393 with H5973 him : and he H1931 rose H6965 by night H3915 , and smote H5221 H853 the Edomites H123 which compassed him about H5437 H413 , and the captains H8269 of the chariots H7393 : and the people H5971 fled H5127 into their tents H168 .
22. इस प्रकार एदोमी यहूदा के शसन से स्वतन्त्र हो गए और वे आज तक यहूदा के शासन से स्वन्त्र हैं। PEPS उसी समय लिब्ना भी यहूदा के शासन से स्वतन्त्र हो गया। PEPS
22. Yet Edom H123 revolted H6586 from under H4480 H8478 the hand H3027 of Judah H3063 unto H5704 this H2088 day H3117 . Then H227 Libnah H3841 revolted H6586 at the same H1931 time H6256 .
23. यहोराम ने जो कुछ किया वह सब यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है। PEPS
23. And the rest H3499 of the acts H1697 of Joram H3141 , and all H3605 that H834 he did H6213 , are they H1992 not H3808 written H3789 in H5921 the book H5612 of the chronicles H1697 H3117 of the kings H4428 of Judah H3063 ?
24. यहोराम मरा और अपने पूर्वजों के साथ दाऊद नगर में दफनाया गया। यहोराम का पुत्र अहज्याह नया राजा हुआ। PS
24. And Joram H3141 slept H7901 with H5973 his fathers H1 , and was buried H6912 with H5973 his fathers H1 in the city H5892 of David H1732 : and Ahaziah H274 his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
25. {अहज्याह अपना शासन आरम्भ करता है} PS यहोराम का पुत्र अहज्याह, अहाब के पुत्र इस्राएल के राजा योराम के राज्यकाल के बारहवें वर्ष में यहूदा का राजा हुआ।
25. In the twelfth H8147 H6240 year H8141 of Joram H3141 the son H1121 of Ahab H256 king H4428 of Israel H3478 did Ahaziah H274 the son H1121 of Jehoram H3088 king H4428 of Judah H3063 begin to reign H4427 .
26. शासन आरम्भ करने के समय अहज्याह बाईस वर्ष का था। उसने यरूशलेम में एक वर्ष शासन किया। उसकी माँ का नाम अतल्याह था। वह इस्राएल के राजा ओम्री की पुत्री थी।
26. Two H8147 and twenty H6242 years H8141 old H1121 was Ahaziah H274 when he began to reign H4427 ; and he reigned H4427 one H259 year H8141 in Jerusalem H3389 . And his mother H517 's name H8034 was Athaliah H6271 , the daughter H1323 of Omri H6018 king H4428 of Israel H3478 .
27. अहज्याह ने वे काम किये जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। अहज्याह ने अहाब के परिवार के लोगों की तरह बहुत से बुरे काम किये। अहज्याह उस प्रकार रहता था क्योंकि उसकी पत्नी अहाब के परिवार से थी। PS
27. And he walked H1980 in the way H1870 of the house H1004 of Ahab H256 , and did H6213 evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 , as did the house H1004 of Ahab H256 : for H3588 he H1931 was the son H2860 -in-law of the house H1004 of Ahab H256 .
28. {योराम हजाएल के विरुद्ध युद्ध में घायल हो जाता है} PS योराम अहाब के परिवार से था। अहज्याह योराम के साथ अराम के राजा हजाएल से गिलाद के रामोत में युद्ध करने गया। अरामियों ने योराम को घायल कर दिया।
28. And he went H1980 with H854 Joram H3141 the son H1121 of Ahab H256 to the war H4421 against H5973 Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 in Ramoth H7433 -gilead ; and the Syrians H761 wounded H5221 H853 Joram H3141 .
29. राजा योराम इस्राएल को वापस इसलिये लौट गया कि उस स्थान पर लगे घावों से वह स्वस्थ हो जाये। योराम यिज्रेल के क्षेत्र में गया। यहूदा के राजा यहोराम का पुत्र अहज्याह योराम को देखने यिज्रेल गया। PE
29. And king H4428 Joram H3141 went back H7725 to be healed H7495 in Jezreel H3157 of H4480 the wounds H4347 which H834 the Syrians H761 had given H5221 him at Ramah H7414 , when he fought H3898 against H854 Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 . And Ahaziah H274 the son H1121 of Jehoram H3088 king H4428 of Judah H3063 went down H3381 to see H7200 H853 Joram H3141 the son H1121 of Ahab H256 in Jezreel H3157 , because H3588 he H1931 was sick H2470 .
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