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HOV
1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
1. And the word H1697 of the LORD H3068 came H1961 unto H413 me, saying H559 ,
2. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख यरूशलेम की ओर कर और पवित्र स्थानों की ओर वचन सुना; इस्राएल देश के विषय में भविष्यद्वाणी कर और उस से कह,
2. Son H1121 of man H120 , set H7760 thy face H6440 toward H413 Jerusalem H3389 , and drop H5197 thy word toward H413 the holy places H4720 , and prophesy H5012 against H413 the land H127 of Israel H3478 ,
3. प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, ओर अपनी तलवार मियान में से खींच कर तुझ में से धमीं और अधर्मी दोनों को नाश करूंगा।
3. And say H559 to the land H127 of Israel H3478 , Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 ; Behold H2009 , I am against H413 thee , and will draw forth H3318 my sword H2719 out of his sheath H4480 H8593 , and will cut off H3772 from H4480 thee the righteous H6662 and the wicked H7563 .
4. इसलिये कि मैं तुझ में से धमीं और अधमीं सब को नाश करने वाला हूँ, इस कारण, मेरी तलवार मियान से निकल कर दक्खिन से उत्तर तक सब प्राणियों के विरुद्ध चलेगी;
4. Seeing then H3282 that H834 I will cut off H3772 from H4480 thee the righteous H6662 and the wicked H7563 , therefore H3651 shall my sword H2719 go forth H3318 out of his sheath H4480 H8593 against H413 all H3605 flesh H1320 from the south H4480 H5045 to the north H6828 :
5. तब सब प्राणी जान लेंगे कि यहोवा ने मियान में से अपनी तलवार खींची है; ओर वह उस में फिर रखी जाएगी।
5. That all H3605 flesh H1320 may know H3045 that H3588 I H589 the LORD H3068 have drawn forth H3318 my sword H2719 out of his sheath H4480 H8593 : it shall not H3808 return H7725 any more H5750 .
6. सो हे मनुष्य के सन्तान, तू आह मार, भारी खेद कर, और टूटी कमर ले कर लोगों के साम्हने आह मार।
6. Sigh H584 therefore, thou H859 son H1121 of man H120 , with the breaking H7670 of thy loins H4975 ; and with bitterness H4814 sigh H584 before their eyes H5869 .
7. और जब वे तुझ से पूछें कि तू क्यों आह मारता है, तब कहना, समाचार के कारण। क्योंकि ऐसी बात आने वाली है कि सब के मन टूट जाएंगे और सब के हाथ ढीले पड़ेंगे, सब की आत्मा बेबस और सब के घुटने निर्बल हो जाएंगे। देखो, ऐसी ही बात आने वाली है, और वह अवश्य पूरी होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
7. And it shall be H1961 , when H3588 they say H559 unto H413 thee, Wherefore H5921 H4100 sighest H584 thou H859 ? that thou shalt answer H559 , For H413 the tidings H8052 ; because H3588 it cometh H935 : and every H3605 heart H3820 shall melt H4549 , and all H3605 hands H3027 shall be feeble H7503 , and every H3605 spirit H7307 shall faint H3543 , and all H3605 knees H1290 shall be weak H1980 as water H4325 : behold H2009 , it cometh H935 , and shall be brought to pass H1961 , saith H5002 the Lord H136 GOD H3069 .
8. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के कह,
8. Again the word H1697 of the LORD H3068 came H1961 unto H413 me, saying H559 ,
9. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देख, सान चढ़ाई हुई तलवार, और झलकाई हुई तलवार!
9. Son H1121 of man H120 , prophesy H5012 , and say H559 , Thus H3541 saith H559 the LORD H136 ; Say H559 , A sword H2719 , a sword H2719 is sharpened H2300 , and also H1571 furbished H4803 :
10. वह इसलिये सान चढ़ाई गई कि उस से घात किया जाए, और इसलिये झलकाई गई कि बिजली की नाईं चमके! तो क्या हम हर्षित हों? वह तो यहोवा के पुत्र का राजदण्ड है और सब पेड़ों को तुच्छ जानने वाला है।
10. It is sharpened H2300 to H4616 make a sore slaughter H2873 H2874 ; it is furbished H4803 that H4616 it may glitter H1961 H1300 : should we then H176 make mirth H7797 ? it contemneth H3988 the rod H7626 of my son H1121 , as every H3605 tree H6086 .
11. और वह झलकाने को इसलिये दी गई कि हाथ में ली जाए; वह इसलिये सान चढ़ाई और झलकाई गई कि घात करने वालों के हाथ में दी जाए।
11. And he hath given H5414 it to be furbished H4803 , that it may be handled H8610 H3709 : this H1931 sword H2719 is sharpened H2300 , and it H1931 is furbished H4803 , to give H5414 it into the hand H3027 of the slayer H2026 .
12. हे मनुष्य के सन्तान चिल्ला, और हाय, हाय, कर! क्योंकि वह मेरी प्रजा पर चला चाहती है, वह इस्राएल के सारे प्रधानों पर चला चाहती है; मेरी प्रजा के संग वे भी तलवार के वश में गए। इस कारण तू अपनी छाती पीट।
12. Cry H2199 and howl H3213 , son H1121 of man H120 : for H3588 it H1931 shall be H1961 upon my people H5971 , it H1931 shall be upon all H3605 the princes H5387 of Israel H3478 : terrors H4048 by reason of H413 the sword H2719 shall be H1961 upon H854 my people H5971 : smite H5606 therefore H3651 upon H413 thy thigh H3409 .
13. क्योंकि सचमुच उसकी जांच हुई है, और यदि उसे तुच्छ जानने वाला राजदण्ड भी रहे, तो क्या? परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
13. Because H3588 it is a trial H974 , and what H4100 if H518 the sword contemn H3988 even H1571 the rod H7626 ? it shall be H1961 no H3808 more , saith H5002 the Lord H136 GOD H3069 .
14. सो हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर, और हाथ पर हाथ दे मार, और तीन बार तलवार का बल दुगुना किया जाए; वह तो घात करने की तलवार वरन बड़े से बड़े के घात करने की तलवार है, जिस से कोठरियों में भी कोई नहीं बच सकता।
14. Thou H859 therefore, son H1121 of man H120 , prophesy H5012 , and smite thine hands together H5221 H3709 H413 H3709 , and let the sword H2719 be doubled H3717 the third time H7992 , the sword H2719 of the slain H2491 : it H1931 is the sword H2719 of the great H1419 men that are slain H2491 , which entereth into their privy chambers H2314 .
15. मैं ने घात करने वाली तलवार को उनके सब फाटकों के विरुद्ध इसलिये चलाया है कि लोगों के मन टूट जाएं, और वे बहुत ठोकर खाएं। हाय, हाय! वह तो बिजली के समान बनाई गई, और घात करने को सान चढ़ाई गई है।
15. I have set H5414 the point H19 of the sword H2719 against H5921 all H3605 their gates H8179 , that H4616 their heart H3820 may faint H4127 , and their ruins H4383 be multiplied H7235 : ah H253 ! it is made bright H6213 H1300 , it is wrapped up H4593 for the slaughter H2874 .
16. सिकुड़कर दाहिनी ओर जा, फिर तैयार हो कर बाईं ओर मुड़, जिधर भी तेरा मुख हो।
16. Go thee one way or other H258 , either on the right hand H3231 , or on the left H8041 , whithersoever H575 thy face H6440 is set H3259 .
17. मैं भी ताली बजाऊंगा और अपनी जलजलाहट को ठंडा करूंगा, मुझ यहोवा ने ऐसा कहा है।
17. I H589 will also H1571 smite H5221 mine hands together H3709 H413 H3709 , and I will cause my fury H2534 to rest H5117 : I H589 the LORD H3068 have said H1696 it .
18. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
18. The word H1697 of the LORD H3068 came H1961 unto H413 me again, saying H559 ,
19. हे मनुष्य के सन्तान, दो मार्ग ठहरा ले कि बाबुल के राजा की तलवार आए; दोनों मार्ग एक ही देश से निकलें! फिर एक चिन्ह कर, अर्थात नगर के मार्ग के सिर पर एक चिन्ह कर;
19. Also, thou H859 son H1121 of man H120 , appoint H7760 thee two H8147 ways H1870 , that the sword H2719 of the king H4428 of Babylon H894 may come H935 : both twain H8147 shall come forth H3318 out of one land H4480 H776 H259 : and choose H1254 thou a place H3027 , choose H1254 it at the head H7218 of the way H1870 to the city H5892 .
20. एक मार्ग ठहरा कि तलवार अम्मोनियों के रब्बा नगर पर, और यहूदा देश के गढ़ वाले नगर यरूशलेम पर भी चले।
20. Appoint H7760 a way H1870 , that the sword H2719 may come H935 to H854 Rabbath H7237 of the Ammonites H1121 H5983 , and to H854 Judah H3063 in Jerusalem H3389 the defensed H1219 .
21. क्योंकि बाबुल का राजा तिर्मुहाने अर्थात दोनों मार्गों के निकलने के स्थान पर भावी बूझने को खड़ा हुआ है, उसने तीरों को हिला दिया, और गृहदेवताओं से प्रश्न किया, और कलेजे को भी देखा।
21. For H3588 the king H4428 of Babylon H894 stood H5975 at H413 the parting H517 of the way H1870 , at the head H7218 of the two H8147 ways H1870 , to use H7080 divination H7081 : he made his arrows bright H7043 H2671 , he consulted H7592 with images H8655 , he looked H7200 in the liver H3516 .
22. उसके दाहिने हाथ में यरूशलेम का नाम है कि वह उसकी ओर युद्ध के यन्त्र लगाए, और गला फाड़कर घात करने की आज्ञा दे और ऊंचे शब्द से ललकारे, फाटकों की ओर युद्ध के यन्त्र लगाए और दमदमा बान्धे और कोट बनाए।
22. At his right hand H3225 was H1961 the divination H7081 for Jerusalem H3389 , to appoint H7760 captains H3733 , to open H6605 the mouth H6310 in the slaughter H7524 , to lift up H7311 the voice H6963 with shouting H8643 , to appoint H7760 battering rams H3733 against H5921 the gates H8179 , to cast H8210 a mount H5550 , and to build H1129 a fort H1785 .
23. परन्तु लोग तो उस भावी कहने को मिथ्या समझेंगे; उन्होंने जो उनकी शपथ खाई है; इस कारण वह उनके अधर्म का स्मरण करा कर उन्हें पकड़ लेगा।
23. And it shall be H1961 unto them as a false H7723 divination H7080 in their sight H5869 , to them that have sworn H7650 oaths H7621 : but he H1931 will call to remembrance H2142 the iniquity H5771 , that they may be taken H8610 .
24. इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, इसलिये कि तुम्हारा अधर्म जो स्मरण किया गया है, और तुम्हारे अपराध जो खुल गए हैं, क्योंकि तुम्हारे सब कामों में पाप ही पाप दिखाई पड़ा है, और तुम स्मरण में आए हो, इसलिये तुम उन्हीं से पकड़े जाओगे।
24. Therefore H3651 thus H3541 saith H559 the Lord H136 GOD H3069 ; Because H3282 ye have made your iniquity H5771 to be remembered H2142 , in that your transgressions H6588 are discovered H1540 , so that in all H3605 your doings H5949 your sins H2403 do appear H7200 ; because H3282 , I say , that ye are come to remembrance H2142 , ye shall be taken H8610 with the hand H3709 .
25. और हे इस्राएल दुष्ट प्रधान, तेरा दिन गया है; अधर्म के अन्त का समय पहुंच गया है।
25. And thou H859 , profane H2491 wicked H7563 prince H5387 of Israel H3478 , whose H834 day H3117 is come H935 , when H6256 iniquity H5771 shall have an end H7093 ,
26. तेरे विषय में परमेश्वर यहोवा यों कहता है, पगड़ी उतार, और मुकुट भी उतार दे; वह ज्यों का त्यों नहीं रहने का; जो नीचा है उसे ऊंचा कर और जो ऊंचा है उसे नीचा कर।
26. Thus H3541 saith H559 the Lord H136 GOD H3069 ; Remove H5493 the diadem H4701 , and take off H7311 the crown H5850 : this H2063 shall not H3808 be the same H2063 : exalt H1361 him that is low H8217 , and abase H8213 him that is high H1364 .
27. मैं इस को उलट दूंगा और उलट पुलट कर दूंगा; हां उलट दूंगा और जब तक उसका अधिकारी आए तब तक वह उलटा हुआ रहेगा; तब मैं उसे दे दूंगा।
27. I will H7760 overturn H5754 , overturn H5754 , overturn H5754 , it: and H1571 it H2063 shall be H1961 no H3808 more , until H5704 he come H935 whose H834 right H4941 it is ; and I will give H5414 it him .
28. फिर हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के कह कि प्रभु यहोवा अम्मोनियों और उनकी की हुई नामधराई के विषय में यों कहता है; तू यों कह, खींची हुई तलवार है, वह तलवार घात के लिये झलकाई हुई है कि नाश करे और बिजली के समान हो---
28. And thou H859 , son H1121 of man H120 , prophesy H5012 and say H559 , Thus H3541 saith H559 the Lord H136 GOD H3069 concerning H413 the Ammonites H1121 H5983 , and concerning H413 their reproach H2781 ; even say H559 thou , The sword H2719 , the sword H2719 is drawn H6605 : for the slaughter H2874 it is furbished H4803 , to consume H3557 because of H4616 the glittering H1300 :
29. जब तक कि वे तेरे विषय में झूठे दर्शन पाते, और झूठे भावी तुझ को बताते हैं---कि तू उन दुष्ट असाध्य घायलों की गर्दनों पर पड़े जिनका दिन गया, और जिनके अधर्म के अन्त का समय पहुंचा है।
29. While they see H2372 vanity H7723 unto thee , while they divine H7080 a lie H3577 unto thee , to bring H5414 thee upon H413 the necks H6677 of them that are slain H2491 , of the wicked H7563 , whose H834 day H3119 is come H935 , when H6256 their iniquity H5771 shall have an end H7093 .
30. उसको मियान में फिर रख। जिस स्थान में तू सिरजी गई और जिस देश में तेरी उत्पत्ति हुई, उसी में मैं तेरा न्याय करूंगा।
30. Shall I cause it to return H7725 into H413 his sheath H8593 ? I will judge H8199 thee in the place H4725 where H834 thou wast created H1254 , in the land H776 of thy nativity H4351 .
31. और मैं तुझ पर अपना क्रोध भड़काऊंगा और तुझ पर अपनी जलजलाहट की आग फूंक दूंगा; ओर तुझे पशु सरीखे मनुष्य के हाथ कर दूंगा जो नाश करने में निपुण हैं।
31. And I will pour out H8210 mine indignation H2195 upon H5921 thee , I will blow H6315 against H5921 thee in the fire H784 of my wrath H5678 , and deliver H5414 thee into the hand H3027 of brutish H1197 men H376 , and skillful H2796 to destroy H4889 .
32. तू आग का कौर होगी; तेरा खून देश में बना रहेगा; तू स्मरण में रहेगी क्योंकि मुझ यहोवा ही ने ऐसा कहा है।
32. Thou shalt be H1961 for fuel H402 to the fire H784 ; thy blood H1818 shall be H1961 in the midst H8432 of the land H776 ; thou shalt be no H3808 more remembered H2142 : for H3588 I H589 the LORD H3068 have spoken H1696 it .
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