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1. याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है!
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1. Praise H1984 ye the LORD H3050 . Blessed H835 is the man H376 that feareth H3372 H853 the LORD H3068 , that delighteth H2654 greatly H3966 in his commandments H4687 .
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2. उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी।
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2. His seed H2233 shall be H1961 mighty H1368 upon earth H776 : the generation H1755 of the upright H3477 shall be blessed H1288 .
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3. उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा।
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3. Wealth H1952 and riches H6239 shall be in his house H1004 : and his righteousness H6666 endureth H5975 forever H5703 .
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4. सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है।
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4. Unto the upright H3477 there ariseth H2224 light H216 in the darkness H2822 : he is gracious H2587 , and full of compassion H7349 , and righteous H6662 .
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5. जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।
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5. A good H2896 man H376 showeth favor H2603 , and lendeth H3867 : he will guide H3557 his affairs H1697 with discretion H4941 .
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6. वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा।
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6. Surely H3588 he shall not H3808 be moved H4131 forever H5769 : the righteous H6662 shall be H1961 in everlasting H5769 remembrance H2143 .
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7. वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है।
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7. He shall not H3808 be afraid H3372 of evil H7451 tidings H4480 H8052 : his heart H3820 is fixed H3559 , trusting H982 in the LORD H3068 .
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8. उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह न डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि करके सन्तुष्ट होगा।
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8. His heart H3820 is established H5564 , he shall not H3808 be afraid H3372 , until H5704 H834 he see H7200 his desire upon his enemies H6862 .
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9. उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा।
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9. He hath dispersed H6340 , he hath given H5414 to the poor H34 ; his righteousness H6666 endureth H5975 forever H5703 ; his horn H7161 shall be exalted H7311 with honor H3519 .
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10. दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस- पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी॥
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10. The wicked H7563 shall see H7200 it , and be grieved H3707 ; he shall gnash H2786 with his teeth H8127 , and melt away H4549 : the desire H8378 of the wicked H7563 shall perish H6 .
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