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1. जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
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1. He that dwelleth H3427 in the secret place H5643 of the most High H5945 shall abide H3885 under the shadow H6738 of the Almighty H7706 .
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2. मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।
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2. I will say H559 of the LORD H3068 , He is my refuge H4268 and my fortress H4686 : my God H430 ; in him will I trust H982 .
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3. वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;
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3. Surely H3588 he H1931 shall deliver H5337 thee from the snare H4480 H6341 of the fowler H3353 , and from the noisome pestilence H4480 H1698 H1942 .
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4. वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
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4. He shall cover H5526 thee with his feathers H84 , and under H8478 his wings H3671 shalt thou trust H2620 : his truth H571 shall be thy shield H6793 and buckler H5507 .
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5. तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,
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5. Thou shalt not H3808 be afraid H3372 for the terror H4480 H6343 by night H3915 ; nor for the arrow H4480 H2671 that flieth H5774 by day H3119 ;
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6. न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है॥
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6. Nor for the pestilence H4480 H1698 that walketh H1980 in darkness H652 ; nor for the destruction H4480 H6986 that wasteth H7736 at noonday H6672 .
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7. तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा।
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7. A thousand H505 shall fall H5307 at thy side H4480 H6654 , and ten thousand H7233 at thy right hand H4480 H3225 ; but it shall not H3808 come nigh H5066 H413 thee.
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8. परन्तु तू अपनी आंखों की दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा॥
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8. Only H7535 with thine eyes H5869 shalt thou behold H5027 and see H7200 the reward H8011 of the wicked H7563 .
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9. हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,
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9. Because H3588 thou H859 hast made H7760 the LORD H3068 , which is my refuge H4268 , even the most High H5945 , thy habitation H4583 ;
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10. इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा॥
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10. There shall no H3808 evil H7451 befall H579 H413 thee, neither H3808 shall any plague H5061 come nigh H7126 thy dwelling H168 .
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11. क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें।
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11. For H3588 he shall give his angels H4397 charge H6680 over thee , to keep H8104 thee in all H3605 thy ways H1870 .
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12. वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।
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12. They shall bear thee up H5375 in H5921 their hands H3709 , lest H6435 thou dash H5062 thy foot H7272 against a stone H68 .
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13. तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा।
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13. Thou shalt tread H1869 upon H5921 the lion H7826 and adder H6620 : the young lion H3715 and the dragon H8577 shalt thou trample under feet H7429
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14. उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।
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14. Because H3588 he hath set his love H2836 upon me , therefore will I deliver H6403 him : I will set him on high H7682 , because H3588 he hath known H3045 my name H8034 .
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15. जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
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15. He shall call upon H7121 me , and I will answer H6030 him: I H595 will be with H5973 him in trouble H6869 ; I will deliver H2502 him , and honor H3513 him.
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16. मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा॥
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16. With long H753 life H3117 will I satisfy H7646 him , and show H7200 him my salvation H3444 .
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