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3
:

1. {एक व्यक्ति द्वारा अपनी यातनाओं पर विचार} PS मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जिसने बहुतेरी यातनाएँ भोगी है;
यहोवा के क्रोध के तले मैंने बहुतेरी दण्ड यातनाएँ भोगी है!
1. I H589 am the man H1397 that hath seen H7200 affliction H6040 by the rod H7626 of his wrath H5678 .
2. यहोवा मुझको लेकर के चला
और वह मुझे अन्धेरे के भीतर लाया कि प्रकाश में।
2. He hath led H5090 me , and brought H1980 me into darkness H2822 , but not H3808 into light H216 .
3. यहोवा ने अपना हाथ मेरे विरोध में कर दिया।
ऐसा उसने बारम्बार सारे दिन किया।
3. Surely H389 against me is he turned H7725 ; he turneth H2015 his hand H3027 against me all H3605 the day H3117 .
4. उसने मेरा मांस, मेरा चर्म नष्ट कर दिया।
उसने मेरी हड्डियों को तोड़ दिया।
4. My flesh H1320 and my skin H5785 hath he made old H1086 ; he hath broken H7665 my bones H6106 .
5. यहोवा ने मेरे विरोध में, कड़वाहट और आपदा फैलायी है।
उसने मेरी चारों तरफ कड़वाहट और विपत्ति फैला दी।
5. He hath built H1129 against H5921 me , and compassed H5362 me with gall H7219 and travail H8513 .
6. उसने मुझे अन्धेरे में बिठा दिया था।
उसने मुझको उस व्यक्ति सा बना दिया था जो कोई बहुत दिनों पहले मर चुका हो।
6. He hath set H3427 me in dark places H4285 , as they that be dead H4191 of old H5769 .
7. यहोवा ने मुझको भीतर बंद किया, इससे मैं बाहर सका।
उसने मुझ पर भारी जंजीरें घेरी थीं।
7. He hath hedged H1443 me about H1157 , that I cannot H3808 get out H3318 : he hath made my chain heavy H3513 H5178 .
8. यहाँ तक कि जब मैं चिल्लाकर दुहाई देता हूँ,
यहोवा मेरी विनती को नहीं सुनता है।
8. Also H1571 when H3588 I cry H2199 and shout H7768 , he shutteth out H5640 my prayer H8605 .
9. उसने पत्थर से मेरी राह को मूंद दिया है।
उसने मेरी राह को विषम कर दिया है।
9. He hath enclosed H1443 my ways H1870 with hewn stone H1496 , he hath made my paths crooked H5753 H5410 .
10. यहोवा उस भालू सा हुआ जो मुझ पर आक्रमण करने को तत्पर है।
वह उस सिंह सा हुआ हैं जो किसी ओट में छुपा हुआ हैं।
10. He H1931 was unto me as a bear H1677 lying in wait H693 , and as a lion H738 in secret places H4565 .
11. यहोवा ने मुझे मेरी राह से हटा दिया।
उसने मेरी धज्जियाँ उड़ा दीं।
उसने मुझे बर्बाद कर दिया है।
11. He hath turned aside H5493 my ways H1870 , and pulled me in pieces H6582 : he hath made H7760 me desolate H8074 .
12. उसने अपना धनुष तैयार किया।
उसने मुझको अपने बाणों का निशाना बना दिया था।
12. He hath bent H1869 his bow H7198 , and set H5324 me as a mark H4307 for the arrow H2671 .
13. मेरे पेट में बाण मार दिया।
मुझ पर अपने बाणों से प्रहार किया था।
13. He hath caused the arrows H1121 of his quiver H827 to enter H935 into my reins H3629 .
14. मैं अपने लोगों के बीच हंसी का पात्र बन गया।
वे दिन भर मेरे गीत गा—गा कर मेरा मजाक बनाते है।
14. I was H1961 a derision H7814 to all H3605 my people H5971 ; and their song H5058 all H3605 the day H3117 .
15. यहोवा ने मुझे कड़वी बातों से भर दिया कि मैं उनको पी जाऊँ।
उसने मुझको कड़वे पेयों से भरा था।
15. He hath filled H7646 me with bitterness H4844 , he hath made me drunken H7301 with wormwood H3939 .
16. उसने मेरे दांत पथरीली धरती पर गडा दिये।
उसने मुझको मिट्टी में मिला दिया।
16. He hath also broken H1638 my teeth H8127 with gravel stones H2687 , he hath covered H3728 me with ashes H665 .
17. मेरा विचार था कि मुझको शांति कभी भी नहीं मिलेगा।
अच्छी भली बातों को मैं तो भूल गया था।
17. And thou hast removed my soul far off H2186 H5315 from peace H4480 H7965 : I forgot H5382 prosperity H2896 .
18. स्वयं अपने आप से मैं कहने लगा था, “मुझे तो बस अब और आस नहीं है कि
यहोवा कभी मुझे सहारा देगा।”
18. And I said H559 , My strength H5331 and my hope H8431 is perished H6 from the LORD H4480 H3068 :
19. हे यहोवा, तू मेरे दुखिया पन याद कर,
और यह कि कैसा मेरा घर नहीं रहा।
याद कर उस कड़वे पेय को और उस जहर को जो तूने मुझे पीने को दिया था।
19. Remembering H2142 mine affliction H6040 and my misery H4788 , the wormwood H3939 and the gall H7219 .
20. मुझको तो मेरी सारी यातनाएँ याद हैं
और मैं बहुत ही दु:खी हूँ।
20. My soul H5315 hath them still in remembrance H2142 H2142 , and is humbled H7743 in H5921 me.
21. किन्तु उसी समय जब मैं सोचता हूँ, तो मुझको आशा होने लगती हैं।
मैं ऐसा सोचा करता हूँ:
21. This H2063 I recall H7725 to H413 my mind H3820 , therefore H5921 H3651 have I hope H3176 .
22. यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता।
यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।
22. It is of the LORD H3068 's mercies H2617 that H3588 we are not H3808 consumed H8552 , because H3588 his compassions H7356 fail H3615 not H3808 .
23. हर सुबह वे नये हो जाते हैं!
हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!
23. They are new H2319 every morning H1242 : great H7227 is thy faithfulness H530 .
24. मैं अपने से कहा करता हूँ, “यहोवा मेरे हिस्से में है।
इसी कारण से मैं आशा रखूँगा।”
24. The LORD H3068 is my portion H2506 , saith H559 my soul H5315 ; therefore H5921 H3651 will I hope H3176 in him.
25. यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी बाट जोहते हैं।
यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी खोज में रहा करते हैं।
25. The LORD H3068 is good H2896 unto them that wait for H6960 him , to the soul H5315 that seeketh H1875 him.
26. यह उत्तम है कि कोई व्यक्ति चुपचाप यहोवा की प्रतिक्षा करे कि
वह उसकी रक्षा करेगा।
26. It is good H2896 that a man should both hope H3175 and quietly wait H1748 for the salvation H8668 of the LORD H3068 .
27. यह उत्तम है कि कोई व्यक्ति यहोवा के जुए को धारण करे,
उस समय से ही जब वह युवक हो।
27. It is good H2896 for a man H1397 that H3588 he bear H5375 the yoke H5923 in his youth H5271 .
28. व्यक्ति को चाहिये कि वह अकेला चुप बैठे ही रहे
जब यहोवा अपने जुए को उस पर धरता है।
28. He sitteth H3427 alone H910 and keepeth silence H1826 , because H3588 he hath borne H5190 it upon H5921 him.
29. उस व्यक्ति को चाहिये कि यहोवा के सामने वह दण्डवत प्रणाण करे।
सम्भव है कि कोई आस बची हो।
29. He putteth H5414 his mouth H6310 in the dust H6083 ; if so be H194 there may be H3426 hope H8615 .
30. उस व्यक्ति को चाहिये कि वह आपना गाल कर दे, उस व्यक्ति के सामने जो उस पर प्रहार करता हो।
उस व्यक्ति को चाहिये कि वह अपमान झेलने को तत्पर रहे।
30. He giveth H5414 his cheek H3895 to him that smiteth H5221 him : he is filled full H7646 with reproach H2781 .
31. उस व्यक्ति को चाहिये वह याद रखे कि यहोवा किसी को भी
सदा—सदा के लिये नहीं बिसराता।
31. For H3588 the Lord H136 will not H3808 cast off H2186 forever H5769 :
32. यहोवा दण्ड देते हुए भी अपनी कृपा बनाये रखता है।
वह अपने प्रेम और दया के कारण अपनी कृपा रखता है।
32. But H3588 though H518 he cause grief H3013 , yet will he have compassion H7355 according to the multitude H7230 of his mercies H2617 .
33. यहोवा कभी भी नहीं चाहता कि लोगों को दण्ड दे।
उसे नहीं भाता कि लोगों को दु:खी करे।
33. For H3588 he doth not H3808 afflict H6031 willingly H4480 H3820 nor grieve H3013 the children H1121 of men H376 .
34. यहोवा को यह बातें नहीं भाती है:
उसको नहीं भाता कि कोई व्यक्ति अपने पैरों के तले धरती के सभी बंदियों को कुचल डाले।
34. To crush H1792 under H8478 his feet H7272 all H3605 the prisoners H615 of the earth H776 ,
35. उसको नहीं भाता है कि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को छले।
कुछ लोग उसके मुकदमें में परम प्रधान परमेश्वर के सामने ही ऐसा किया करते है।
35. To turn aside H5186 the right H4941 of a man H1397 before H5048 the face H6440 of the most High H5945 ,
36. उसको नहीं भाता कि कोई व्यक्ति अदालत में किसी से छल करे।
यहोवा को इन में से कोई भी बात नहीं भाती है।
36. To subvert H5791 a man H120 in his cause H7379 , the Lord H136 approveth H7200 not H3808 .
37. जब तक स्वयं यहोवा ही किसी बात के होने की आज्ञा नहीं देता,
तब तक ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है कि कोई बात कहे और उसे पूरा करवा ले।
37. Who H4310 is he H2088 that saith H559 , and it cometh to pass H1961 , when the Lord H136 commandeth H6680 it not H3808 ?
38. बुरी—भली बातें सभी परम प्रधान परमेश्वर के मुख से ही आती हैं।
38. Out of the mouth H4480 H6310 of the most High H5945 proceedeth H3318 not H3808 evil H7451 and good H2896 ?
39. कोई जीवित व्यक्ति शिकायत कर नहीं सकता
जब यहोवा उस ही के पापों का दण्ड उसे देता है।
39. Wherefore H4100 doth a living H2416 man H120 complain H596 , a man H1397 for H5921 the punishment of his sins H2399 ?
40. आओ, हम अपने कर्मो को परखें और देखँ,
फिर यहोवा के शरण में लौट आयें।
40. Let us search H2664 and try H2713 our ways H1870 , and turn again H7725 to H5704 the LORD H3068 .
41. आओ, स्वर्ग के परमेश्वर के लिये हम हाथ उठायें
और अपना मन ऊँचा करें।
41. Let us lift up H5375 our heart H3824 with H413 our hands H3709 unto H413 God H410 in the heavens H8064 .
42. आओ, हम उससे कहें, “हमने पाप किये हैं और हम जिद्दी बने रहे,
और इसलिये तूने हमको क्षमा नहीं किया।
42. We H5168 have transgressed H6586 and have rebelled H4784 : thou H859 hast not H3808 pardoned H5545 .
43. तूने क्रोध से अपने को ढांप लिया,
हमारा पीछा तू करता रहा है,
तूने हमें निर्दयतापूर्वक मार दिया!
43. Thou hast covered H5526 with anger H639 , and persecuted H7291 us : thou hast slain H2026 , thou hast not H3808 pitied H2550 .
44. तूने अपने को बादल से ढांप लिया।
तूने ऐसा इसलिये किया था कि कोई भी विनती तुझ तक पहुँचे ही नहीं।
44. Thou hast covered H5526 thyself with a cloud H6051 , that our prayer H8605 should not pass through H4480 H5674 .
45. तूने हमको दूसरे देशों के लिये ऐसा बनाया
जैसा कूड़ा कर्कट हुआ करता हैं।
45. Thou hast made H7760 us as the offscouring H5501 and refuse H3973 in the midst H7130 of the people H5971 .
46. हमारे सभी शत्रु
हमसे क्रोध भरे बोलते हैं।
46. All H3605 our enemies H341 have opened H6475 their mouths H6310 against H5921 us.
47. हम भयभीत हुए हैं हम गर्त में गिर गये हैं।
हम बुरी तरह क्षतिग्रस्त है! हम टूट चुके हैं!”
47. Fear H6343 and a snare H6354 is come H1961 upon us, desolation H7612 and destruction H7667 .
48. मेरी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बही!
मैं विलाप करता हूँ क्योंकि मेरे लोगों का विनाश हुआ है!
48. Mine eye H5869 runneth down H3381 with rivers H6388 of water H4325 for H5921 the destruction H7667 of the daughter H1323 of my people H5971 .
49. मेरे नयन बिना रूके बहते रहेंगे!
मैं सदा विलाप करता रहूँगा!
49. Mine eye H5869 trickleth down H5064 , and ceaseth H1820 not H3808 , without any H4480 H369 intermission H2014 ,
50. हे यहोवा, मैं तब तक विलाप करता रहूँगा
जब तक तू दृष्टि करे और हम को देखे!
मैं तब तक विलाप ही करता रहूँगा
जब तक तू स्वर्ग से हम पर दृष्टि करे!
50. Till H5704 the LORD H3068 look down H8259 , and behold H7200 from heaven H4480 H8064 .
51. जब मैं देखा करता हूँ जो कुछ मेरी नगरी की युवतियों के साथ घटा
तब मेरे नयन मुझको दु:खी करते हैं।
51. Mine eye H5869 affecteth H5953 mine heart H5315 because of all H4480 H3605 the daughters H1323 of my city H5892 .
52. जो लोग व्यर्थ में ही मेरे शत्रु बने है,
वे घूमते हैं मेरी शिकार की फिराक में, मानों मैं कोई चिड़िया हूँ।
52. Mine enemies H341 chased me sore H6679 H6679 , like a bird H6833 , without cause H2600 .
53. जीते जी उन्होंने मुझको घड़े में फेंका
और मुझ पर पत्थर लुढ़काए थे।
53. They have cut off H6789 my life H2416 in the dungeon H953 , and cast H3034 a stone H68 upon me.
54. मेरे सिर पर से पानी गुज़र गया था।
मैंने मन में कहाँ, “मेरा नाश हुआ।”
54. Waters H4325 flowed H6687 over H5921 mine head H7218 ; then I said H559 , I am cut off H1504 .
55. हे यहोवा, मैंने तेरा नाम पुकारा।
उस गर्त के तल से मैंने तेरा नाम पुकारा।
55. I called upon H7121 thy name H8034 , O LORD H3068 , out of the low dungeon H4480 H953 H8482 .
56. तूने मेरी आवाज़ को सुना।
तूने कान नहीं मूंद लिये।
तूने बचाने से और मेरी रक्षा करने से नकारा नहीं।
56. Thou hast heard H8085 my voice H6963 : hide H5956 not H408 thine ear H241 at my breathing H7309 , at my cry H7775 .
57. जब मैंने तेरी दुहाई दी, उसी दिन तू मेरे पास गया था।
तूने मुझ से कहा था, “भयभीत मत हो।”
57. Thou drewest near H7126 in the day H3117 that I called upon H7121 thee : thou saidst H559 , Fear H3372 not H408 .
58. हे यहोवा, मेरे अभियोग में तूने मेरा पक्ष लिया।
मेरे लिये तू मेरा प्राण वापस ले आया।
58. O Lord H136 , thou hast pleaded H7378 the causes H7379 of my soul H5315 ; thou hast redeemed H1350 my life H2416 .
59. हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियाँ देखी हैं,
अब मेरे लिये तू मेरा न्याय कर।
59. O LORD H3068 , thou hast seen H7200 my wrong H5792 : judge H8199 thou my cause H4941 .
60. तूने स्वयं देखा है कि शत्रुओं ने मेरे साथ कितना अन्याय किया।
तूने स्वयं देखा है उन सारे षड़यंत्रों को
जो उन्होंने मुझ से बदला लेने को मेरे विरोध में रचे थे।
60. Thou hast seen H7200 all H3605 their vengeance H5360 and all H3605 their imaginations H4284 against me.
61. हे यहोवा, तूने सुना है कि वे मेरा अपमान कैसे करते हैं।
तूने सुना है उन षड़यंत्रों को जो उन्होंने मेरे विरोध में रचाये।
61. Thou hast heard H8085 their reproach H2781 , O LORD H3068 , and all H3605 their imaginations H4284 against H5921 me;
62. मेरे शत्रुओं के वचन और विचार
सदा ही मेरे विरुद्ध रहे।
62. The lips H8193 of those that rose up against H6965 me , and their device H1902 against H5921 me all H3605 the day H3117 .
63. देखो यहोवा, चाहे वे बैठे हों, चाहे वे खड़े हों,
कैसे वे मेरी हंसी उड़ाते हैं!
63. Behold H5027 their sitting down H3427 , and their rising up H7012 ; I H589 am their music H4485 .
64. हे यहोवा, उनके साथ वैसा ही कर जैसा उनके साथ करना चाहिये!
उनके कर्मो का फल तू उनको दे दे!
64. Render H7725 unto them a recompense H1576 , O LORD H3068 , according to the work H4639 of their hands H3027 .
65. उनका मन हठीला कर दे!
फिर अपना अभिशाप उन पर डाल दे!
65. Give H5414 them sorrow H4044 of heart H3820 , thy curse H8381 unto them.
66. क्रोध में भर कर तू उनका पीछा कर!
उन्हें बर्बाद कर दे! हे यहोवा, आकाश के नीचे से तू उन्हें समाप्त कर दे! PE
66. Persecute H7291 and destroy H8045 them in anger H639 from under H4480 H8478 the heavens H8064 of the LORD H3068 .
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