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1. {अपने जीवन प्रभु को अर्पण करो} PS इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है।
1. I beseech G3870 you G5209 therefore G3767 , brethren G80 , by G1223 the G3588 mercies G3628 of God G2316 , that ye present G3936 your G5216 bodies G4983 a living G2198 sacrifice G2378 , holy G40 , acceptable G2101 unto God G2316 , which is your G5216 reasonable G3050 service G2999 .
2. अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है। PEPS
2. And G2532 be not G3361 conformed G4964 to this G5129 world G165 : but G235 be ye transformed G3339 by the G3588 renewing G342 of your G5216 mind G3563 , that ye G5209 may prove G1381 what G5101 is that good G18 , and G2532 acceptable G2101 , and G2532 perfect G5046 , will G2307 of God G2316 .
3. इसलिए उसके अनुग्रह के कारण जो उपहार उसने मुझे दिया है, उसे ध्यान में रखते हुए मैं तुममें से हर एक से कहता हूँ, अपने को यथोचित समझो अर्थात जितना विश्वास उसने तुम्हें दिया है, उसी के अनुसार अपने को समझना चाहिए।
3. For G1063 I say G3004 , through G1223 the G3588 grace G5485 given G1325 unto me G3427 , to every man G3956 that is G5607 among G1722 you G5213 , not G3361 to think of himself more highly than G5252 G3844 G3739 he ought G1163 to think G5426 ; but G235 to think G5426 soberly G4993 , according as G5613 God G2316 hath dealt G3307 to every man G1538 the measure G3358 of faith G4102 .
4. क्योंकि जैसे हममें से हर एक के शरीर में बहुत से अंग हैं। चाहे सब अंगों का काम एक जैसा नहीं है।
4. For G1063 as G2509 we have G2192 many G4183 members G3196 in G1722 one G1520 body G4983 , and G1161 all G3956 members G3196 have G2192 not G3756 the G3588 same G846 office G4234 :
5. हम अनेक हैं किन्तु मसीह में हम एक देह के रूप में हो जाते हैं। इस प्रकार हर एक अंग हर दूसरे अंग से जुड़ जाता है। PEPS
5. So G3779 we, being many G4183 , are G2070 one G1520 body G4983 in G1722 Christ G5547 , and G1161 every G2596 one G1520 members G3196 one of another G240 .
6. तो फिर उसके अनुग्रह के अनुसार हमें जो अलग-अलग उपहार मिले हैं, हम उनका प्रयोग करें। यदि किसी को भविष्यवाणी की क्षमता दी गयी है तो वह उसके पास जितना विश्वास है उसके अनुसार भविष्यवाणी करे।
6. Having G2192 then G1161 gifts G5486 differing G1313 according G2596 to the G3588 grace G5485 that is given G1325 to us G2254 , whether G1535 prophecy G4394 , let us prophesy according G2596 to the G3588 proportion G356 of faith G4102 ;
7. यदि किसी को सेवा करने का उपहार मिला है तो अपने आप को सेवा के लिये अर्पित करे, यदि किसी को उपदेश देने का काम मिला है तो उसे अपने आप को प्रचार में लगाना चाहिए।
7. Or G1535 ministry G1248 , let us wait on G1722 our ministering G1248 : or G1535 he that teacheth G1321 , on G1722 teaching G1319 ;
8. यदि कोई सलाह देने को है तो उसे सलाह देनी चाहिए। यदि किसी को दान देने का उपहार मिला है तो उसे मुक्त भाव से दान देना चाहिए। यदि किसी को अगुआई करने का उपहार मिलता है तो वह लगन के साथ अगुआई करे, जिसे दया दिखाने को मिली है, वह प्रसन्नता से दया करे। PEPS
8. Or G1535 he that exhorteth G3870 , on G1722 exhortation G3874 : he that giveth G3330 , let him do it with G1722 simplicity G572 ; he that ruleth G4291 , with G1722 diligence G4710 ; he that showeth mercy G1653 , with G1722 cheerfulness G2432 .
9. तुम्हारा प्रेम सच्चा हो। बुराई से घृणा करो। नेकी से जुड़ो।
9. Let love G26 be without dissimulation G505 . Abhor G655 that which is evil G4190 ; cleave G2853 to that which is good G18 .
10. भाई चारे के साथ एक दूसरे के प्रति समर्पित रहो। आपस में एक दूसरे को आदर के साथ अपने से अधिक महत्व दो।
10. Be kindly affectioned G5387 one to another G240 G1519 with brotherly love G5360 ; in honor G5092 preferring G4285 one another G240 ;
11. उत्साही बनो, आलसी नहीं, आत्मा के तेज से चमको। प्रभु की सेवा करो।
11. Not G3361 slothful G3636 in business G4710 ; fervent G2204 in spirit G4151 ; serving G1398 the G3588 Lord G2962 ;
12. अपनी आशा में प्रसन्न रहो। विपत्ति में धीरज धरो। निरन्तर प्रार्थना करते रहो।
12. Rejoicing G5463 in hope G1680 ; patient G5278 in tribulation G2347 ; continuing instant G4342 in prayer G4335 ;
13. परमेश्वर के लोगों की आवश्यकताओं में हाथ बटाओ। अतिथि सत्कार के अवसर ढूँढते रहो। PEPS
13. Distributing G2841 to the G3588 necessity G5532 of saints G40 ; given to G1377 hospitality G5381 .
14. जो तुम्हें सताते हैं उन्हें आशीर्वाद दो। उन्हें शाप मत दो, आशीर्वाद दो।
14. Bless G2127 them which persecute G1377 you G5209 : bless G2127 , and G2532 curse G2672 not G3361 .
15. जो प्रसन्न हैं उनके साथ प्रसन्न रहो। जो दुःखी है, उनके दुःख में दुःखी होओ।
15. Rejoice G5463 with G3326 them that do rejoice G5463 , and G2532 weep G2799 with G3326 them that weep G2799 .
16. मेलमिलाप से रहो। अभिमान मत करो बल्कि दीनों की संगति करो। अपने को बुद्धिमान मत समझो। PEPS
16. Be of the G3588 same G846 mind G5426 one toward another G240 G1519 . Mind G5426 not G3361 high things G5308 , but G235 condescend G4879 to men of low estate G5011 . Be G1096 not G3361 wise G5429 in G3844 your own conceits G1438 .
17. बुराई का बदला बुराई से किसी को मत दो। सभी लोगों की आँखों में जो अच्छा हो उसे ही करने की सोचो।
17. Recompense G591 to no man G3367 evil G2556 for G473 evil G2556 . Provide G4306 things honest G2570 in the sight G1799 of all G3956 men G444 .
18. जहाँ तक बन पड़े सब मनुष्यों के साथ शान्ति से रहो।
18. If G1487 it be possible G1415 , as much as lieth in you G1537 G5216 , live peaceably G1514 with G3326 all G3956 men G444 .
19. किसी से अपने आप बदला मत लो। मेरे मित्रों, बल्कि इसे परमेश्वर के क्रोध पर छोड़ दो क्योंकि शास्त्र में लिखा है: “प्रभु ने कहा है बदला लेना मेरा काम है। प्रतिदान मैं दूँगा।” ✡उद्धरण व्यवस्था 32:35
19. Dearly beloved G27 , avenge G1556 not G3361 yourselves G1438 , but G235 rather give G1325 place G5117 unto wrath G3709 : for G1063 it is written G1125 , Vengeance G1557 is mine G1698 ; I G1473 will repay G467 , saith G3004 the Lord G2962 .
20. बल्कि तू तो “यदि तेरा शत्रु भूखा है
तो उसे भोजन करा।
यदि वह प्यासा है
तो उसे पीने को दे।
क्योंकि यदि तू ऐसा करता है तो वह तुझसे शर्मिन्दा होगा।” नीति. 25:21-22
20. Therefore G3767 if G1437 thine G4675 enemy G2190 hunger G3983 , feed G5595 him G846 ; if G1437 he thirst G1372 , give him drink G4222 G846 : for G1063 in so G5124 doing G4160 thou shalt heap G4987 coals G440 of fire G4442 on G1909 his G848 head G2776 .
21. बुराई से मत हार बल्कि अपनी नेकी से बुराई को हरा दे। PE
21. Be not G3361 overcome G3528 of G5259 evil G2556 , but G235 overcome G3528 evil G2556 with G1722 good G18 .
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